शेयर मार्केट में EPS क्या है। EPS के प्रकार। EPS IN HINDI

 दोस्तों mystical finance ब्लॉग में आपका स्वागत है। आप सोच रहे होंगे कि शेयर मार्केट में EPS क्या होता है? EPS बहुत मुस्किल होता होगा, परंतु मैं आपको बता दूं आपको अधिक सोचने की जरूरत नहीं है। इस आर्टिकल में हम शेयर मार्केट में EPS क्या होता है EPS के प्रकार को सरल भाषा में समझेंगे। मैं आपको EPS के बारे में पूरी जानकारी दूंगा।



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शेयर मार्केट में EPS क्या है। EPS के प्रकार। EPS IN HINDI

तो चलिए सबसे पहले में आपको EPS का FULL FORM बताता हूं। EPS = EARNING PER SHARE. यानी कंपनी एक शेयर पर कितना रिटर्न देती है या कंपनी एक शेयर पर कितना पैसा कमाती है। अभी तक काफी लोगों को यह समझ आ गया होगा कि EPS क्या होता है। परंतु यदि आपको समझ नहीं आया तो चलो इसे एक साधारण उदाहरण से समझते हैं।

मान लीजिए कि कोई कंपनी शेयर बाजार में है और उसके मार्केट में 1 करोड़ शेयर उबलब्ध हैं। अब हमे यह पता करना है कि वो कंपनी एक शेयर पर कितना रिटर्न देती है। उसके लिए एक फॉर्मूला होता है जिसके जरिए हम ये पता कर सकते हैं कि एक कंपनी एक शेयर पर कितना रिटर्न देती है।

मान लीजिए उस कम्पनी के मार्केट में 1 हजार शेयर उपलब्ध हैं और कंपनी हर एक शेयर पे 20 ₹ का EPS देती है। और कंपनी के एक शेयर की प्राइस 200 ₹ है। अब इसका उपयोग करके आप यह पता लगा सकते हैं कि यह कंपनी आपको एक साल में पर शेयर पर कितना रिटर्न देगी।

Formula= EPS * 100/SHARE PRICE


इस फॉर्मूला के अनुसार - 20*100/200=10 यानी कि ये कंपनी आपको हर साल 10% का रिटर्न देगी। इस प्रकार यह कंपनी आपको 10 साल में आपका निवेश किए पैसे को डबल कर देगी।

एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि EPS समय और कंपनी की परफॉर्मेंस के साथ बढ़ता या घटता है। EPS एक फिक्स टाइम लिमिट पे वर्क करता है, समय समय पर EPS कम या ज्यादा हो सकता है जो कंपनी की कंडीशन पर चेंज होता है।

किसी कंपनी का EPS कैसे पता करें?

हर किसी कंपनी का EPS अलग अलग होता है। इसलिए किसी भी कंपनी के EPS को पता करने से पहले आपको EPS के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। तो चलिए सबसे पहले में आपको EPS के बारे में पूरी जानकारी दे देता हूॅं।

EPS क्या होता है?

शेयर मार्केट में तभी प्रॉफिट होता है जब एक अच्छी कंपनी के शेयरों में निवेश किया जाता है, और अच्छी कंपनी को पहचानने के लिए कई सारे फैक्टर होते है और कई सारी एनालिसिस करने की आवश्यकता होती है। जिसमे से एक है EPS।

EPS एक नंबर होता है जो कि यह बताता है की एक फिक्स समय में एक कंपनी अपने एक कॉमन शेयर से कितना रिटर्न बना रही है। EPS कंपनी के EARNING पावर को बताता है क्योंकि शेयर बाजार में जिस कंपनी की EARNING पावर जितनी ज्यादा होती है। भविष्य में उस कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ने के उतने ही ज्यादा संभावनाएं होती हैं।

EPS निकालने का फॉर्मूला क्या है? 

Eps निकालने का फॉर्मूला होता है।
EPS = (Net Income - Dividend)/number of common shares

मान लीजिए net Income= 100 cr.
Dividend = 5 cr.
Number of common shares = 10 cr.

इस उदाहरण में EPS निकालने पर -
EPS=(100-5)/10=9.5₹

यानी इस कंपनी का EPS निकल कर आता है 9.5₹।


किसी कंपनी का DILUTED EPS कैसे निकालें?

Formula= Diluted EPS = (Net Income/ Diluted or adjustable shares)

आइए इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।
मान लीजिए किसी कंपनी का Net Income ₹10,000 है और diluted share 1000 हैं। इस उदाहरण में हम इस फॉर्मूला के अनुसार diluted EPS निकालते हैं।

Diluted EPS= (10,000/1000)=10
यहाॅं पर कंपनी के हर एक Diluted share पर 10₹ का प्रॉफिट निकलकर आता है।


EPS का उपयोग क्या है?

  • निवेशक हमेशा ज्यादा EPS वाली कंपनी में निवेश करना चाहते हैं।
  • EPS का उपयोग PE RATIO को Calculate करने में किया जाता है।
  • Eps का सही अनुमान 3-5 साल तक के EPS की गणना करने पर ही प्राप्त किया जा सकता है।
  • Eps के द्वारा हम कंपनी से होने वाले अधिकतम फायदे के बारे पे पहले से अनुमान लगा सकते हैं।


Share market में EPS के प्रकार 

अभी तक आप यह जान गए होंगे कि EPS क्या होता है और EPS कैसे निकाला जाता है। अब हम जानेंगे कि EPS के प्रकार क्या - क्या होते हैं ।

1. BASIC EPS

2. DILUTED EPS

3. TRAILING EPS
 
4. FORWARD EPS

इन चारों EPS के प्रकारों के बारे में जानने से पहले हम यह जान लेते हैं कि Employee Stock Options, Convertible Preference Share और Convertible Debentures क्या है, क्योंकि EPS के बारे में जानने से पहले इनके बारे में जानना आवश्यक हो जाता है।

Employee Stock Options-

अनेक कंपनियां अपने senior staff members को एक स्टॉक खरीदने का ऑप्शन देती हैं। जिसमें वो कंपनी के शेयर को मार्केट से कम मूल्य पर एक स्पेशल प्राइस पर खरीद सकते हैं। यदि कोई कंपनी का शेयर का प्राइस ₹1000 है परंतु इस कंपनी ने अपने staff members को वो शेयर 500 में खरीदने का ऑप्शन दिया हुआ है तो वो लोग कभी भी उस शेयर को 500₹ में खरीदने में सक्ष्म होते हैं। यदि वो इसे खरीदकर मार्केट में बेचते हैं तो इससे मार्केट में स्टॉक ज्यादा उपलब्ध हो जाते हैं ऐसे में EPS कम हो सकता है।

Convertible Preference Share-

आमतौर पर preference शेयर्स को मार्केट में बेचा नही जा सकता है परंतु कुछ घटनाओं में कंपनी अपने preference शेयर्स को इक्विटी में कन्वर्ट कर देती है। जिसके कारण मार्केट में उपलब्ध शेयरों की संख्या बढ़ जाती है जिससे eps में भी कमी आती है।

Convertible Debentures- 

Convertible Debentures एक प्रकार का वित्तीय साधन होता है जो कि किसी व्यक्ति के पास हो सकते हैं। और यदि कोई कंपनी इन्हे जारी करती है तो कुछ समय के अंतराल के बाद इन्हें वो कंपनी इक्विटी पर कन्वर्ट कर सकती है। यदि कंपनी Convertible Debentures को इक्विटी शेयर में कन्वर्ट करती है तो इसके कारण भी मार्केट में शेयरों की संख्या बाद जाती है और EPS कम हो जाता है।

अब आपको पता चल ही गया होगा कि Employee Stock Options, Convertible Preference Share क्या होते हैं और कैसे ये EPS और कंपनी के फंडामेंटल को इफेक्ट करते हैं। तो चलिए अब EPS के प्रकारों को भी जन लेते हैं।

Eps के प्रकार। Types of EPS 

1. BASIC EPS - 

किसी कंपनी की BASIC EPS की गणना करने के लिए उस कंपनी के Net Incone को average number of outstanding shares के साथ विभाजित करके प्राप्त किया जाता है। इसमें हम मुख्य रूप से कंपनी के द्वारा बाजार में उपलब्ध शेयरों का EPS देखते हैं।

2. DILUTED EPS -

यदि कोई कंपनी अपने preference shares को इक्विटी में कन्वर्ट करने का कार्य करती है तो उससे मार्केट में उपलब्ध शेयरों की संख्या में बड़ोतरी आती है जिससे EPS कम होता है।

3. TRALING EPS -

Traling EPS कंपनी की पिछली आय पर आधारित होता है जो कि एक फिक्स समय अंतराल में होता है। सामान्यतः इसमें कंपनी के पिछले 12 महीनों की आय की गणना की जाती है।

4. FORWARD EPS -

Forward EPS कंपनी द्वारा भविष्य में होने वाली Earning per share की अनुमानित गणना होती है। यह पूर्व में हुए कारणों का एक पूर्वानुमान होता है।


इस ब्लॉग पर लिखे गए लेख सिर्फ Education और लोगों के मन में शेयर मार्केट से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करने के उद्देश्य से लिखा गया है। शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले आपको शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए और बिना जानकारी के निवेश करने से आपको वित्तीय नुकसान हो सकता है। यदि आप इस ब्लॉग पर लिखे गए लेखों से प्रभावित होकर बिना सोचे और शेयर बाजार को समझे निवेश करते है तो उस दशा में mystical finance आपके नुकसान की कोई जिम्मेदारी नही लेता है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से जरूर संपर्क करें।(alert-warning)

 

निष्कर्ष - 

इस लेख में हमने जाना कि EPS= Earning per share होता है। Eps के उपयोग से हम यह निर्धारित कर सकते हैं कि हम जिस कंपनी के शेयरों में निवेश कर रहे हैं उन शेयरों से हम अधिकतम कितना प्रॉफिट प्राप्त कर सकते हैं। यदि कंपनी का EPS एक रेंज में चल रहा हो या प्रति साल बढ़ रहा हो तो उस कंपनी को निवेश की दृष्टि से अच्छा माना जाता है। भी अगर कंपनी का EPS सालाना किसी कारणवश गिर रहा होता है तो निवेशकों को उस कंपनी में निवेश की अपनी योजना को बदल लेना चाहिए और निवेश नही करना चाहिए 

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