वित्तीय संसाधनों के एक साथ संग्रह को ही portfolio कहा जाता है। वित्तीय साधन जैसे - गोल्ड, कमोडिटी मार्केट, ETF, शेयर्स, बॉन्ड्स ये सभी वित्तीय साधन है और इन सभी का संग्रह ही पोर्टफोलियो होता है। पोर्टफोलियो बनाने का मुख्य उद्देश्य लंबे समय के लिए अपने निवेश और नुकसान के जोखिमों को कम करना है। अगर आपको पोर्टफोलियो के बारे में नहीं पता तो आज के इस लेख को पढ़ने के बाद आपको पोर्टफोलियो के बारे में सारी जानकारियां मिल जायेंगी।
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शेयर बाजार में portfolio क्या होता है | Portfolio in hindi
जैसा कि ऊपर आपको बताया की पोर्टफोलियो वित्तीय साधनों में निवेश करना होता है। पोर्टफोलियो बनाने का मकसद सबका अलग अलग हो सकता है सबका एक ही मकसद हो ऐसा होना जरूरी नही होता है। कोई अपने लिए निवेश करता है तो कोई अपने आने वाले फ्यूचर के लिए अपना पोर्टफोलियो बनाता है।
यदि आपके पास एक अमाउंट है। मान लीजिए आपके पास 1 लाख रुपए है और आप इसे निवेश करना चाहते हैं तो आपको इसे एक ही जगह पर या एक ही स्टॉक पर निवेश नही करना चाहिए। आपके इसे कुछ बॉन्ड्स, शेयर और ईटीएफ में निवेश करना चाहिए ताकि आपके निवेश पर रिटर्न अच्छा बने और नुकसान होने की संभावनाएं कम होती है। और इसे अलग अलग जगह निवेश करके आप एक अच्छा पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
पोर्टफोलियो में क्या क्या होता है
एक अच्छे पोर्टफोलियो में निवेशक अपने पैसे को कई अलग अलग चीजों में निवेश करते है और उसे कम रिस्क पर ज्यादा फायदा लेने की कोशिश करते हैं।
स्टॉक्स में निवेश करना- एक अच्छे पोर्टफोलियो में शेयर पर निवेश जरूर होता है और हर किसी को अपने पोर्टफोलियो में स्टॉक्स को जरूर रखना चाहिए। क्योंकि एक शेयर आपके निवेश करे पैसे पर अच्छा रिटर्न बनाने में सक्षम होता है।यदि आप एक अच्छे शेयर में निवेश किया हुआ है तो यह आपके पैसे को कई गुना बढ़ा सकता है। जिसका एक कॉमन उदाहरण MRF का शेयर है।
Gold में निवेश करना- पोर्टफोलियो में गोल्ड रखने से नुकसान होने की संभावनाएं कम करी जाती हैं। एक पोर्टफोलियो में कुछ मात्रा में गोल्ड में निवेश होना चाहिए। क्योंकि गोल्ड की सप्लाई कम है और डिमांड ज्यादा जिसके कारण लंबे समय के निवेश में गोल्ड एक बेहतर ऑप्शन है निवेश के लिए जो आपको एक बेहतर रिटर्न बना कर दे सकता है।
ETF में निवेश करना- ETF में निवेश करना स्टॉक पर निवेश करने से एक बेहतर ऑप्शन है आपके पोर्टफोलियो में ETF होना चाहिए। ETF लंबे समय के लिए आपके पास अपने पोर्टफोलियो में होना चाहिए क्योंकि यही आपके पोर्टफोलियो को स्टेबल रखता है और लंबे समय में निवेश पर अच्छा रिटर्न देता है। ETF के जीरो होना नामुमकिन है परंतु शेयर का भाव जीरो हो सकता है।
बॉन्ड्स में निवेश- यदि आप रिस्क लेने में सक्षम है तो आप सरकारी बॉन्ड्स में निवेश कर सकते है यह आपके पोर्टफोलियो को अच्छा रिटर्न पाने में मदद करता है। बॉन्ड्स में सभी निवेश करना नही कहते हैं परंतु आप अपने जोखिम के अनुसार निवेश कर सकते हैं।
Dividend स्टॉक्स में निवेश- कुछ कंपनियां अपने मुनाफे का कुछ भाव अपने निवेशकों को देती है जिसे डिविडेंड कहा जाता है। आपके पोर्टफोलियो में कुछ शेयर्स ऐसे होने चाहिए जो डिविडेंड देते हैं। क्योंकि डिविडेंड एक पैसिव आय की भाटी कार्य करती है। जो आपके नुकसान के जोखिमों को कम करने में मदद करती है।
Commodities मार्केट में निवेश- Commodities में निवेश करने में थोड़ा रिस्क जरूर होता है। परंतु यदि आप सक्षम है तो तभी आपको इसमें निवेश की योजना बना सकते हैं। Commodities मार्केट में आप गैस, गोल्ड, सिल्वर, जैसे चीजों में निवेश करते है। यदि आप निवेश करना चाहते है तो कर सकते हैं।
Mutual फंड में निवेश करना- म्यूचुअल फंड के बारे में आप सभी को पता होगा। आप अगर शेयर बाजार के बारे में ज्यादा नहीं जानते है परंतु शेयर बाजार से लंबे समय के निवेश पर एक अच्छा रिटर्न की तलाश कर रहे हैं तो आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
पोर्टफोलियो के अन्य विकल्प
यदि आप कम रिस्क लेना चाहते है और कुछ न कुछ रिटर्न अपने निवेश पर पाना चाहते हैं तो आप शेयर पर निवेश न करके अन्य विकल्पों पर निवेश की योजना बना सकते हैं।
फिक्स डिपॉजिट- फिक्स डिपॉजिट एक निवेश का बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि इसमें एक फिक्स रिटर्न मिलता है। यदि आप किसी अच्छे और सरकारी बैंक में फिक्स डिपोजिट करते हैं तो आप 7-8% तक का लाभ अपने निवेश पर पा सकते है। यह तिमाही और सालाना किसी भी आधार पर हो सकता है। और यदि आप सरकारी बैंक में फिक्स डिपोजिट करते हैं तो आपका रिस्क बिलकुल न के बराबर हो जाता है।
प्रॉपर्टी में निवेश- यदि आप पोर्टफोलियो बनाकर निवेश नही करना चाहते हैं तो आप कोई प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं। आप रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड निवेश- यह एक सबसे अच्छा ऑप्शन हो सकता है क्योंकि इसमें रिस्क लगभग बहुत कम होता है। और गोल्ड में की गया निवेश लंबे समय में लाभ कमाने का पूरा अवसर देता है। गोल्ड में की गया निवेश लंबे समय अवधि में फायदा कमा कर देता है।
पेंशल फंड रिटायरमेंट स्कीम- इन फंडों में निवेश का रिटर्न आपको रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सहायता करता है। आप इनमे निवेश की योजना बना सकते हैं।
Portfolio कितने प्रकार के होते हैं
शेयर मार्केट में कई अलग अलग प्रकार के पोर्टफोलियो होते है जिनको व्यक्ति अपने रिस्क जोखिम और गोल के अनुसार बनाता है। पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट के अनुसार हो सकते हैं और मार्केट की कंडीशन पर भी डिपेंड करते हैं।
Income पोर्टफोलियो / आय पोर्टफोलियो
यदि आप अपनी आय को बढ़ाना चाहते है तो आपको अपने पोर्टफोलियो के अंदर अच्छे शेयर के साथ साथ ऐसे शेयर्स को भी जोड़ना होगा जो डिविडेंड देते हैं। आपके पोर्टफोलियो के अंदर स्टॉक बॉन्ड और फिक्स डिपोजिट भआई होने चाहिए। रेगुलर एक इनकम को पाने के लिए इनका पोर्टफोलियो में होना जरूरी है।
Risky पोर्टफोलियो
इसमें ऐसे शेयर को शामिल किया जाता है जिनमे रिस्क और जोखिम ज्यादा होता है। इस प्रकार के पोर्टफोलियो में सिर्फ भी पैसा निवेश किया जाता है जिसके चले जाने पर ज्यादा परेशानियां न हो। इसमें ऐसे शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है जिनमें प्रॉफिट तेजी के साथ ज्यादा होता है। इसमें रिस्की स्टॉक या स्मॉल मार्केट कैप वाले म्यूचुअल फंड शामिल होते हैं।
इक्विटी पोर्टफोलियो
इस पोर्टफोलियो में शेयर में निवेश किया जाता है। और जब शेयर का भाव बढ़ता है तभी इसमें फायदा होता है। इसमें अच्छी और बड़ी कंपनी के शेयरों में निवेश किया जाता है। जिसमे नुक्सान होने की संभावनाएं कम होती हैं।
Balanced पोर्टफोलियो
इसमें इक्विटी शेयर और फिक्स डिपोजिट जैसे वित्तीय साधनों में निवेश किया जाता है। ताकि एक स्टेबल पोर्टफोलियो का निर्माण हो सके और निवेशक इसके द्वारा एक स्टेबल मुनाफा बना सके।
ग्रोथ पोर्टफोलियो
इस प्रकार के पोर्टफोलियो में बड़ी और जल्दी ग्रो होने वाली कंपनियों में निवेश किया जाता है। लंबे समय के लिए किए गए निवेश पर अधिकांस समय इसमें मुनाफा होने की संभावनाएं होती हैं।
Value पोर्टफोलियो
इस पोर्टफोलियो में ऐसे कंपनी के शेयरों में निवेश किया जाता है जिनका भाव कंपनी के इंट्रेंसिक वैल्यू के अंदर होता है। इस प्रकार के पोर्टफोलियो में निवेश करने का उद्देश्य होता है कि लंबे समय के निवेश पर लाभ कमाना और एक स्टेबल रिटर्न हासिल करना।
सेक्टर specific पोर्टफोलियो
इसमें एक प्रेफर्ड सेक्टर के शेयरों और कंपनी में निवेश किया जाता है। जैसे गैस सेक्टर, पावर सेक्टर। इसमें यह देखा जाता है कि फ्यूचर में कौन से सेक्टर में ग्रोथ आ सकती है और उसके अनुसार निवेश किया जाता है। यदि सेक्टर में ग्रोथ आती है तो लाभ होता है।
इंडेक्स पोर्टफोलियो
इसमें एक इंडेक्स के शेयर्स में निवेश किया जाता है। जिसके जरिए उस इंडेक्स के अनुसार लाभ कमाया जाता है। इसमें मार्केट के ओवरऑल परफॉर्मेंस के आधार पर लाभ कमाया जाता है।
Defensive पोर्टफोलियो
इसमें ऐसे कंपनी के शेयरों में निवेश किया जाता है जो पूरे मार्केट के डाउन होने के समय भी मार्केट से अच्छा लाभ बनाने में सक्षम होते हैं। और पूरे मार्केट के डाउन होने के समय भी डाउन नही होते हैं। इसमें डेली के उपयोग में आनी वाली प्रोडक्ट बनाने वाले कंपनियों में निवेश किया जाता है।
Aggressive पोर्टफोलियो
इस प्रकार के पोर्टफोलियो में निवेश भी लोग करते है जिनको रिस्क लेना होता है। इस पोर्टफोलियो में ऐसे कंपनी में निवेश किया जाता है जो हाई रिटर्न बनाने में सक्षम होती है लेकिन उनमें नुकसान होने का भी जोखिम होता है।
पोर्टफोलियो कैसे बनाए
अभी तक आप यह भली भांति समझ गए होंगे कि पोर्टफोलियो क्या होता है और इसके कितने प्रकार होते हैं। तो अब चलिए जानते हैं कि पोर्टफोलियो आखिर कैसे बनाते हैं और आप कैसे पोर्टफोलियो बना सकते हैं।
अपने रिस्क और मकसद को पहचाने
यदि आप खुद का पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि आप पोर्टफोलियो क्यों बनाना चाहते हैं। आपका पोर्टफोलियो बनाने का मकसद क्या है। क्योंकि जहा पैसे निवेश किए जाते हैं वहां जोखिम भी होता है। जोखिम को कम करने के लिए आप आप अलग जगह निवेश कर सकते हैं आप समय रूप से बैंक ने फिक्स डिपोजिट करके जोखिम से बच सकते हैं।
यदि आपके पास निवेश के लिए अच्छा पैसा है और आप रिस्क ले सकते हैं तो आपको पोरीफोलियो में निवेश करना चाहिए। मान लीजिए आपके पास 2 लाख रुपए हैं निवेश के लिए तो आपको इसको एक ही कंपनी ने निवेश न करके अलग अलग जगहों और अलग अलग कंपनियों में निवेश करना चाहिए। और जो आपको अच्छा लगे आप उसमे थोड़ा ज्यादा निवेश कर सकते हैं।
पोर्टफोलियो को जरूर डाइवर्सिफाय करे
पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन निवेश की एक रणनीति होती है जिसमे आपको एक सेक्टर में पूरा निवेश नही करना होता है। डाइवर्सिफिकेशन के जरिए आप अपने निवेश को अलग अलग जगह पर निवेश करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि आपके निवेश पर अधिकतम लाभ की संभावना बढ़ना और होने वाले जोखिम को कम करना।
जब आप सिर्फ एक या दो प्रकार की संपत्ति में निवेश करते है तो आपका पोर्टफोलियो उनके प्रदर्शन पर डिपेंड हो जाता है। परंतु पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन के जरिए आप अलग अलग वित्तीय संपत्ति में निवेश करते हैं जिससे आपका पोर्टफोलियो सिर्फ एक संपत्ति में निर्भर नहीं रहता है।
नियमित रूप से निवेश करना चाहिए
जब आप अपना एक अच्छा पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए नियमित रूप से निवेश की योजना बनानी चाहिए। आप नियमित रूप से sip का उपयोग करके अपना निवेश बढ़ा सकते हैं। नियमित रूप से निवेश का मतलब है की आपको समय के साथ साथ अपने निवेश को बढ़ाना चाहिए। और यदि मार्केट थोड़ा डाउन हो तो निवेश करना चाहिए। यह आपके पोर्टफोलियो को बढ़ने में मदद करता है।
प्रभावी पोर्टफोलियो कैसे बनाए
- एक लक्ष्य बनाएं।
- जोखिम का मूल्यांकन करना सुनिश्चित करें।
- कितने समय के लिए निवेश करना है यह तय करें।
- पोर्टफोलियो का डाइवर्सिफिकेशन जरूर करें।
- रिसर्च करें।
- लंबी अवधि के लिए निवेश की योजना बनाएं।
- नियमित पोर्टफोलियो को चेक करें।
- सोच समझकर निवेश करें पहले पूरी रिसर्च कर लें।
इस लेख को सिर्फ एजुकेशन के उद्देश्य से लिखा गया है। शेयर बाजार में वित्तीय जोखिम होने की संभावनाएं होती हैं। यदि आप शेयर बार को बिना समझे शेयर बाजार में निवेश करते है और आपका नुकसान होता है तो mystical finance उसकी कोई जिम्मेदारी नही लेता है। बिना शेयर बाजार को समझे और सीखे शेयर बाजार में निवेश नही करना चाहिए। निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से संपर्क करें। (alert-warning)
निष्कर्ष
इस लेख में आपने जाना कि पोर्टफोलियो कई प्रकार का हो सकता है जो आपके रिस्क और गोल्स पर निर्भर करता है। आप अपने अनुसार किसी भी प्रकार के पोर्टफोलियो में निवेश कर सकते हैं। पोर्टफोलियो को बनाने के लिए आपको सबसे पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि आप पोर्टफोलियो क्यों बनाना कहते हैं और इससे कितना रिटर्न बनाना चाहते हैं। पोर्टफोलियो आपके निवेश को अलग अलग जगह पर डाइवर्सिफाई करता है जिसके जरिए आप मार्केट से अधिकतम लाभ कमा सकते है और नुकसान की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।