शुरुआती लोग ऑप्शन ट्रेडिंग में शुरुआत कैसे करें

 दोस्तों शेयर बाजार में काम करते करते आपको भी मन कर रहा होगा कि चलो option Trading सीखते हैं। पर आपको नही पता कि ऑप्शन ट्रेडिंग होती क्या है। तो चलो आप इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि शुरुआती लोग ऑप्शन ट्रेडिंग में शुरुआत कैसे करें और शुरुआती लोग ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें। ऑप्शन ट्रेडिंग में काम करने से पहले आपको जान लेना चाहिए कि ऑप्शन ट्रेडिंग में जितना अधिक रिटर्न मिलने की संभावना है इसमें उतना ही ज्यादा रिस्क भी होता है।


शुरुआती लोग ऑप्शन ट्रेडिंग में शुरुआत कैसे करें

(Toc)


शुरुआती लोग ऑप्शन ट्रेडिंग में शुरुआत कैसे करें

ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ज्यादा जोखिम वाला काम होता है। क्योंकि इसमें मार्केट के फास्ट मूवमेंट के साथ प्रॉफिट या लॉस होता हैं। यदि आप जोखिम लेने में सक्षम है तो तभी आपको ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना चाहिए। अगर आपको मार्केट के मूवमेंट और जोखिम से डर नही लगता है तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं। चलो कुछ ऐसे तरीकों के बारे में जानते है जिनकी जरिए आप अपनी ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरआत कर सकते हैं।


Option चैन को समझें

ऑप्शन ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चीज ऑप्शन चैन होती है। बिना इसे जाने और सीखे ऑप्शन ट्रेडिंग नही की जा सकती है। यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग में शुरुआत करना चाहते है तो आपको सबसे पहले ऑप्शन चैन को सीखा चाहिए। ऑप्शन चैन के जरिए आप कॉल और पुट के बारे में सारी जानकारी ले सकते है । इसके जरिए ओपन इंटरेस्ट, वॉलिटिलिटी , वॉल्यूम, स्ट्राइक प्राइस का भाव पता चलता है। इसके अलावा आप स्ट्राइक प्राइस के OTM, ATM, ITM भी देख सकते हैं।

ऑप्शन चैन


  • Call और put डेटा
  • Open interest
  • Implied volatility
  • LTP
  • Volume 
  • Change in OI 
  • Strike price 
  • ATM, OTM, ITM

 ऑप्शन चैन में ये सारी चीजे आपको आसानी से देखने को मिल जाती हैं। इस डेटा का उपयोग आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में करना होता है। आप यह सारी चीजें किसी भी इंडेक्स के लिए देख सकते हैं। आप ऑप्शन चैन को NSE की वेबसाइट से आसानी से देख सकते हैं।


ऑप्शन एक्सपायरी के बारे में जानकारी

जब आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो आपको ऑप्शन के एक्सपायरी के बारे में भी पता होना चाहिए। ऑप्शन ट्रेडिंग में ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस एक्सपायर होते है जो कि मंथली या weekly एक्सपायर हो सकते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग में दो प्रकार की एक्सपायरी होती है मंथली और weekly। अलग अलग इंडाइजेस की weekly एक्सपायरी अलग अलग होती है। बैंकनिफ्टी में ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस हर सप्ताह शुक्रवार को एक्सपायर होते है। यदि आप साप्ताहिक रूप से बैंक निफ्टी में सोमवार को अपनी पोजीशन बनाते हैं तो वो शुक्रवार को एक्सपायर हो जायेगी।

ऑप्शन greeks की जानकारी महत्वपूर्ण

ऑप्शन ग्रीक, ऑप्शन ट्रेडिंग में उपयोग होने वाले सबसे महत्वपूर्ण हैं। ऑप्शन ग्रीक में आपको ठीटा, डेल्टा, गामा, वेगा की जानकारी होनी चाहिए। ये कैसे काम करते है और ऑप्शन में इसका क्या प्रभाव पड़ता है। इन चारो में से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है डेल्टा और ठीटा। ठीटा डीके प्रीमियम को खाने का कार्य करता है जिसके कारण लगातार प्रीमियम का भाव कम होता जाता है। वही डेल्टा यह बताता है की यदि इंडेक्स का प्राइस 50 अंक बड़ेगा तो इससे प्रीमियम का प्राइस कितना बदलेगा और कितना बडेगा। Buyer के लिए theta उतना अच्छा नही है पर सेलर को यह लाभ कमाने में बहुत मदद करता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको ऑप्शन ग्रीक को भी अच्छी तरह से सीखना चाहिए।

Option buying और option selling को सीखें।

यह सीखना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसके साथ अतः आपको यह भी पता होना चाहिए कि ऑप्शन बाइंग और selling में क्या अंतर होता है। यदि आप ऑप्शन buy करते है तो आपको ऑप्शन की एक स्ट्राइक प्राइस को खरीदना होता है जिसके लिए आप प्रीमियम pay करते हो। हर एक स्ट्राइक प्राइस के लिए अलग अलग प्रीमियम होता है। आप जब ऑप्शन खरीदने का कमा करते है तो आपका जायदा से ज्यादा नुकसान उस प्रीमियम के लिए चुकाए गए पैसे हो सकते है। और आप अधिकतम फायदा कितना ले इसकी कोई लिमिट भी होती है।

इसके दूसरी तरफ जब आप ऑप्शन सेल करते हैं तो आप ऑप्शन को रिसीव करने का काम करते हैं। जब आप ऑप्शन सेलिंग करते है तो आपका मैक्सिमम फायदा उस ऑप्शन का प्रीमियम हो सकता है परंतु आपका नुकसान होने पर नुकसान ज्यादा हो सकता है। ऑप्शन सेलिंग में ऑप्शन बाइंग की तुलना में अधिक पैसे की आवश्यकता होती है। आप 10,000 रुपए से ऑप्शन buying कर सकते हैं परंतु सेलिंग के लिए आपके पास 1 लाख से भी अधिक पैसों की आवश्यकता पद जाती है।

Open intrest, Expiry और स्ट्राइक प्राइस का सही से चुनाव करें

ऑप्शन ट्रेडिंग में काम करने के लिए आपको इन तीनों की बहुत अच्छी समझ होनी चाहिए। ऑप्शन ट्रेडिंग इन तीनों चीजों के कारण अधूरी है। शुरुआत में लोग इन्ही तीन चीजों के न पता होने के कारण अपना नुकसान कर लेते हैं। ट्रेडिंग में जो स्ट्राइक प्राइस अभी की प्राइस से दूर होती है वो सस्ते में मिलजाती है। और इसी OTM प्रीमियम में शुरुआती लोग सस्ते के चक्कर में निवेश करते है जब मार्केट उनके अनुसार नही चलती है तो उनका नुकसान हो जाता है। 

आपको यह पता होना चाहिए कि आपको किस स्ट्राइक प्राइस पर कब कैसे और क्यों काम करना है। इसके साथ आपको यह भी पता होना चाहिए कि आप कोन सी एक्सपायरी में काम करना चाहिए। क्योंकि स्ट्राइक प्राइस, एक्सपायरी और ऑप्शन की सही जानकारी नही होने के कारण नए लोग नुकसान कर लेते हैं। आपको पहले पूरा ज्ञान लेना चाहिए। आप ऑप्शन ट्रेडिंग सीखकर और अनुभव से सफल हो सकते हैं।

एक सही स्ट्रेटजी का निर्माण करें

ऑप्शन बाइंग करने वाले हमेशा एक अलग स्ट्रेटजी में काम करते है तो वही ऑप्शन सेलर एक अलग स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में काम करते हैं। क्योंकि दोनों अलग अलग तरीके से काम करते हैं और उनका अलग अलग फंड भी होता है। जहां पर ऑप्शन बायर एक मूवमेंट और ट्रेंड के साथ काम करना पसंद करते है तो वही इसके दूसरी तरफ सेलर्स एक रेंज की तलाश करते हैं। आपको हमेशा एक सही स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में काम करना चाहिए। आप अपनी खुद की एक अच्छी स्ट्रेटजी बना सकते हैं। बिना स्ट्रेटजी के ऑप्शन में काम करना बहुत मुस्कील और जोखिम भरा होता है। सही स्ट्रेटजी से आप अच्छा मुनाफा बनाने में सक्षम होते हैं और गलत स्ट्रेटजी से नुकसान का जोखिम बनता है।

रिस्क को मैनेज करना सीखे

यदि आप रिस्क को मैनेज नही कर पाएंगे तो आप शेयर बाजार से पैसे भी नही कमा पाएंगे। शुरुआती लोग एक इसी गलती के कारण कई बार अपना नुकसान कर लेते हैं। क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग में रिस्क को मैनेज करना सबसे मुस्किल काम होता है। कई बार आपकी एनालिसिस की होती है पर मार्केट उस तरफ मूव नही देता और कई बार प्रीमियम का भाव में बढ़ता जिसके कारण नुकसान हो जाता है। इसलिए ऑप्शन ट्रेडिंग में रिस्क और रिवार्ड को मैनेज करना सबसे बड़ा टास्क बन जाता है। यदि आप ऐसे समय में बिना रिस्क मैनेज किए इमोशन में आकर ट्रेड लेते है तो आप अपना भारी नुक्सान कर आई हैं। आपको एक calculated रिस्क के साथ मार्केट में काम करना चाहिए।

निष्कर्ष

ऑप्शन ट्रेडिंग में काम करने के लिए आपको ऑप्शन ग्रीक, ऑप्शन चैन, रिस्क मैनेजमेंट, ओपन इंटरेस्ट, वॉलिटिलिटी , एक्सपायरी, स्ट्राइक प्राइस को सीखना चाहिए और इनकी आची समझ होनी चाहिए। ऑप्शन ट्रेडिंग आप अपने अनुभव के आधार पर सीख सकते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग को अच्छे से सीखने में 1-2 साल तक का समय लगता है। और यदि आप बिना ज्ञान के ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं आप अपना नुकसान कर सकते हैं। अभ्यास से ही ऑप्शन ट्रेडिंग सीखी जा सकती है।

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